सेवाएं

सेवाएं

केंद्र वर्तमान में सी.पी. और एम.आर. बच्चों को और उनके माता-पिता/अभिभावक को निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है।

फिजियोथेरेपी

फिजियोथेरेपी बच्चे की सामान्य ताकत, क्षमताओं और गतिशीलता के क्षेत्र मे काम करती है। फिजियोथेरेपी का उद्देश्य बुनियादी कौशल जैसे बैठना, रेंगना, चलना, सीढ़ियां चढ़ना और वस्तुओं को फेंकना या पकड़ना सीखना है। फिजियोथेरेपी मे मांसपेशियों को गतिविधियों के अनुकूल करने, गति की सीमा बढ़ाने और संतुलन, समन्वय और सहनशक्ति में सुधार के लिए अभ्यास शामिल हैं।

स्पीच थेरेपी

स्पीच थेरेपी का उद्देश्य संचार कौशल में सुधार करना और भाषण और भाषा विकारों का इलाज करना है। इसमें भाषा, श्रवण, स्मृति, अभिव्यक्ति, प्रवाह, मौखिक-मोटर विकास और खाने की कला शामिल हैं। शब्दावली और व्याकरण, अभिव्यक्ति और ध्वन्यात्मक प्रशिक्षण के लिेये संरचित गतिविधियों का उपयोग किया जाता है। स्पीच थेरपी को अधिक प्रभावी बनाने के लिये वैकल्पिक तरीकों का उपयोग किया जाता है जिसमें मैनुअल साइन लैंग्वेज, पिक्चर कम्युनिकेशन बोर्ड और / या वॉयस आउटपुट कम्युनिकेशन डिवाइस शामिल हैं।

ऑक्युपेशनल थेरेपी

व्यावसायिक चिकित्सा (जिसे ऑक्युपेशनल थेरपी अथवा ओटी भी कहा जाता है), विशेष रूप से एक बच्चे के लिए उन सभी ‘गतिविधियों’ को संदर्भित करता है जो हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग हैं। ओटी दैनिक जीवन की गतिविधियों पर विकलांगता का प्रभाव व उसकी प्रबंधन विधियों का ज्ञान देता हैै । इसमें बाधा चिकित्सा, चिकित्सीय श्रवण कार्यक्रम, संवेदी एकीकृत (एसआई) चिकित्सा, दृष्टि संबंधी उपचार (दृश्य मोटर और दृश्य अवधारणात्मक कठिनाइयों के लिए) और खाद्य संबंधी चिकित्सा शामिल हैं।

दैनिक जीवन की गतिविधियाँ

वे गतिविधियाँ रोज़मर्रा की ज़िंदगी के बुनियादी कार्य जैसे खाना, स्नान, कपड़े पहनना और शौचालय का उपयोग इत्यादि कार्य शामिल हैं। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए, ये कार्य अधिक कठिन हो सकते हैं और दैनिक जीवन की गतिविधियों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है। बुनियादी/मौलिक गतिविधियों में शामिल हैं:

  • शौचालय प्रशिक्षण
  • व्यक्तिगत देखभाल (ब्रश करना / स्नान / कपड़े पहनना / कंघी)
  • खाना (चम्मच का प्रयोग, चबाना और निगलना)
  • कार्यात्मक गतिशीलता

व्यावसायिक प्रशिक्षण

व्यावसायिक प्रशिक्षण का उद्देश्य व्यवसाय या आजीविका के लिए नौकरी या स्वरोजगार अथवा खुद को व्यस्त रखने के लिए सशक्त बनाना है। हमारे यहाँ विभिन्न व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध हैं जैसे-

  • पेंटिंग, सजावटी बैग, लिफाफे, कार्ड, टेबल मैट, कोस्टर, डोर मैट, शो पीस आदि की कला और शिल्प बनाना।
  • मसाले और दालों आदि को पीसना और उसकी पैकेजिंग करना
  • ट्रेसिंग, ड्राइंग, कटिंग, फोल्डिंग, स्टिकिंग और डेकोरेटिंग आइटम सहित पेपर वर्क
  • मोमबत्ती बनाना, फेल्टिंग, सिलाई, चीनी मिट्टी और मिट्टी के बर्तनों का काम,
  • खाना पकाने और बेकरी उत्पाद
  • बागवानी और पौधों की देखभाल।

मार्गदर्शन और परामर्श

विकासात्मक देरी या कठिनाइयों वाले बच्चों के माता-पिता को चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य स्रोतों द्वारा केंद्र में भेजा जाता है। आम तौर पर ऐसे माता-पिता यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होते हैं कि उनके बच्चे को विकास संबंधी कठिनाइयाँ हो रही हैं जिसके लिए प्राथमिक मूल्यांकन और उचित सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है। विकासात्मक कमी के स्तर की पहचान करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा मौके पर विश्लेषण किया जाता है और माता-पिता को सुधारात्मक उपायों और साधनों के बारे में बताया जाता है और उन्हें उनके बच्चों के लिए सर्वोत्तम योजना चुनने के लिए सशक्त बनाया जाता है।

प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन

यह एक बहु-विषयक टीम द्वारा मौजूदा कमियों और ताकतों व प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया है, जो बच्चे में मौजूद विकलांगता, यदि कोई हो, का पता लगाने का प्रयास करती है। इसमें विभिन्न प्रक्रियाएँ संलग्न है जैसे:

  • स्क्रीनिंग और पहचान: बच्चों की जांच करके उन लोगों की पहचान करना के लिए जिनकी विकास दर धीमी हैै या वह सीखने की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, आकलन के लिए शारीरिक मूल्यांकन में बच्चे की मुद्रा, संवेदी प्रसंस्करण, मांसपेशियों की टोन और समन्वय को देखना शामिल हो सकता है।
  • पात्रता: यह निर्धारित करने के लिए कि क्या बच्चा विकलांग है और पुनर्वास सेवाओं की सेवाओं का पात्र है अथवा छात्र की समस्याओं या विकलांगता की विशिष्ट प्रकृति का निर्धारण करने के लिए
  • एक पुनर्वास योजना का विकास: विस्तृत सूचनाओं का विश्लेषण करने और बाल विकास कौशल के लिए एक व्यापक व्यक्तिगत पुनर्वास कार्यक्रम विकसित करने के लिए

प्रारंभिक हस्तक्षेप कार्यक्रम

प्रारंभिक हस्तक्षेप विकासात्मक कमियों वाले बच्चों और उनके परिवारों की समस्याओं, के जटिल होने से पहले, दूर करने के लिए कार्रवाई से संबंधित है। इसमे उन बच्चों और परिवारों की पहचान करना भी है जिन्हें एसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और उपयुक्त समय पर प्रभावी सहायता और सेवाएं प्रदान करना, जिससे वह परिस्थितियों के जटिल होने के पहले ही उसका अनुदान कर सकें।

प्रारंभिक हस्तक्षेप बेहतर सामाजिक और भावनात्मक कौशल, संचार और भविष्य मे क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

व्यक्तिगत विशेष शिक्षा कार्यक्रम

विशेष शिक्षा का मूल उद्देश्य एक कुशल, स्वतंत्र और उद्देश्यपूर्ण व्यक्ति के रूप में बच्चों का इष्टतम विकास है, जो अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता तक पहुंच कर अपने जीवन की योजना और प्रबंधन करने में सक्षम हों।

अन्य पाठ्येतर गतिविधियों में कौशल का विकास

इसमें नृत्य, नाटक, वाद्य यंत्र बजाना, खेलों में कौशल विकास, रोचक स्थानों की यात्रा और छोटे पैमाने या कुटीर उद्योगों की फील्ड ट्रिप आदि शामिल हैं।